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घर के लिए 5 इंडोर औषधीय पौधे

कुछ ऐसे पौधे हैं जिनकी पत्तियों का सेवन हमारे शरीर से कई बीमारियों को बाहर निकालने में मदद करता है और हमारे शरीर पर सकरात्मक प्रभाव डालता है.

घर कितना भी खूबसूरत क्यों ना हो लेकिन बिना पेड़ पौधे के हर एक आशियाना अधूरा सा लगता है. यही कारण है कि आजकल लोग घरों को सुंदर दिखाने के लिए तरह तरह के पौधे लगाते हैं. पौधे से घरों को अब खूब सुंदर बनाया जा रहा है. एक सच ये भी है कि हर पौधे का कोई न कोई औषधीय महत्व होता है. पौधे घर को सजाने के साथ साथ सकारात्मक ऊर्जा को भी लाते हैं.

आपको बता दें कि कुछ पौधे, खासकर जड़ी-बूटी वाले पौधे, हमारे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने का काम करते हैं. कई पौधों की पत्तियों के सेवन से शरीर की बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं. हम आपको ऐसे 5 पौधों के बारे में बताते हैं, जिनको औषधीय के रूप में हम अपनी अच्छी सेहत के लिए उपयोग में ला सकते हैं.

1 . नीम (Azadirachta indica)

एक चिपरिचित पेड़ है जो 20 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है इसकी एक टहनी में करीब 9-12 पत्ते पाए जाते है। इसके फूल सफ़ेद रंग के होते हैं और इसका पत्ता हरा होता है जो पक्क कर हल्का पीला–हरा होता है।अक्सर ये लोगो के घरों के आस-पास देखा जाता है।

2. तुलसी (ocimum sanctum):

Nurserywale Tulsi Worship Plant

तुलसी एक झाड़ीनुमा पौधा है। इसके फूल गुच्छेदार तथा बैंगनी रंग के होते हैं तथा इसके बीज घुठलीनुमा होते है। इसे लोग अपने आंगन में लगाते हैं ।

3 .हल्दी (curcuma longa):

हल्दी के खेतों में तथा बगान में भी लगया जाता है। इसके पत्ते हरे रंग के दीर्घाकार होते हैं।इसका जड़ उपयोग में लाया जाता है। कच्चे हल्दी के रूप में यह सौन्दर्यवर्द्धक है।सुखे हल्दी को लोग मसले के रूप में इस्तेमाल करे हैं। हल्दी रक्तशोधक और काफ नाशक है ।

4. सदाबहार (Catharanthus roseus):

चिकित्सा के क्षेत्र में इसका अपना महत्त्व है।इसकी कुछ टहनियां होती है और यह 50 सेंटी मीटर ऊंचाई तक बढ़ता है। इसके फूल सफ़ेद या बैगनी मिश्रित गुलाबी होते हैं।यह अक्सर बगान, बलुआही क्षेत्रो, घेरों के रूप में भी लगया जाता है ।

5 . सहिजन / मुनगा(Moringa oleifera):

सहिजन एक लोकप्रिय पेड़ है।जिसकी ऊंचाई 10 मीटर या अधिक होती है । इसके छालों में लसलसा गोंद पाया जाता है। इसके पत्ते छोटे और गोल होते हैं तथा फूल सफेद होते हैं।इसके फूल पते और फल (जोकी) खाने में इस्तेमाल में लाये जाते हैं। इसके पत्ते (लौह) आयरन के प्रमुख स्रोत हैं जो गर्भवती माताओं के लिए लाभदायक है ।

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बदलते मौसम में सेहतमंद रहने के लिए इन सब्जियों को जरूर खाएं

Vegetables food items in your diet in changing weather to increase immunity

भारत में मानसून का मौसम आते ही, बाजार में कई तरह की ताज़ी और स्वादिष्ट सब्जियाँ आ जाती हैं। ये सब्जियाँ न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ाती हैं, बल्कि आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि मानसून के मौसम में कौन सी सब्जियाँ आपके लिए सबसे फायदेमंद होती हैं और इन्हें कहाँ से खरीद सकते हैं।

मानसून में कौन सी सब्जियाँ खानी चाहिए?

पालक: पालक एक ऐसी सब्जी है जो मानसून के मौसम में खूब पाई जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम और विटामिन होता है। पालक का सेवन करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप सर्दी-जुकाम से बच सकते हैं।

टमाटर: टमाटर में लाइकोपीन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है। मानसून के मौसम में टमाटर खूब मिलते हैं, इसलिए इसका सेवन जरूर करें।

गाजर: गाजर में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है, जो आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा होता है। मानसून में गाजर का सेवन करने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ेगी और आपकी रात की दृष्टि में सुधार होगा।

शिमला मिर्च:
शिमला मिर्च में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। मानसून के मौसम में शिमला मिर्च खूब मिलती है, इसलिए इसका सेवन जरूर करें।

मटर: मटर में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। यह एक ऐसी सब्जी है जिसे आप साल भर खा सकते हैं, लेकिन मानसून के मौसम में इसकी ताज़गी का अलग ही मज़ा आता है।

बैंगन: बैंगन में फाइबर और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है, जो पाचन और तंत्रिका तंत्र के लिए अच्छा होता है। मानसून के मौसम में बैंगन का सेवन करने से आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी और आप कब्ज से बचेंगे।

आलू: आलू में कार्बोहाइड्रेट और पोटेशियम होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। मानसून के मौसम में आलू की फसल अच्छी होती है, इसलिए इसका सेवन जरूर करें।

हांलाकि कई लोग जो चातुर्मास का नियम करते है वो हरी सब्ज़ी और बेंगन से परहेज कर सकते है।


मानसून का मौसम हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस मौसम में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऊपर बताई गई सब्जियाँ आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती हैं। इनका सेवन करके आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और बीमारियों से बच सकते हैं।

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श्रावण मास में शिव पूजन: विधि, नियम और मान्यताएँ

श्रावण का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में शिव भक्त भगवान शिव की पूजा करने के लिए उत्सुक रहते हैं। शिव पूजन का महत्व और इसकी विधि जानना बेहद जरूरी है।शिव पूजन की विधि

  • शिवलिंग की स्थापना: सबसे पहले एक स्वच्छ स्थान पर शिवलिंग स्थापित करें।
  • शिवलिंग का अभिषेक: शिवलिंग का पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक करें।
  • बिल्व पत्र अर्पण: बिल्व पत्र को शिवजी को बहुत प्रिय माना जाता है। इसलिए बिल्व पत्र को चढ़ाना अति आवश्यक है।
  • धूप दीप: धूप और दीप जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
  • मंत्र जाप: ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
  • अर्चना: फूल, चंदन, रोली आदि से शिवलिंग की अर्चना करें।
  • नैवेद्य: भगवान शिव को भोग लगाएं।
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शिव पूजन के नियम

सोमवार का महत्व: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए सोमवार को विशेष पूजा करें।

शुद्धता: पूजा करते समय मन और शरीर दोनों को शुद्ध रखें।

विधि-विधान: शिव पूजन की विधि का पालन करें।

श्रद्धा: भगवान शिव पर अटूट श्रद्धा रखें।

नियमित पूजा: रोजाना पूजा करने का प्रयास करें।

ऐसे बदलाव जो आपको जरूर करने चाहिए सावन में | Blog Nurseryale

शिव पूजन की कथाएँ

शिव पुराण में भगवान शिव से जुड़ी कई कथाएँ मिलती हैं। इन कथाओं में शिव की भक्ति, शक्ति और दया का वर्णन मिलता है। जैसे कि:

  • मार्कंडेय ऋषि की कथा: मार्कंडेय ऋषि ने भगवान शिव की तपस्या करके मृत्यु को जीत लिया था।
  • रावण की भक्ति: रावण भगवान शिव का परम भक्त था।
  • पार्वती की तपस्या: पार्वती ने भगवान शिव को पति पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।

शिव पूजन के लाभ

शिव पूजन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। यह व्यक्ति को तनाव मुक्त बनाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

शिव पूजन एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुभव है। यह व्यक्ति को भगवान शिव के करीब लाता है और जीवन में शांति और खुशी लाता है। श्रावण मास में शिव पूजन का विशेष महत्व है। इस महीने में नियमित रूप से शिव पूजन करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

Disclaimer: यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी विद्वान से सलाह लेना उचित होगा।

श्रावण मास में शिव पूजन और पौधे लगाने का महत्व

श्रावण का महीना न सिर्फ भगवान शिव की पूजा के लिए बल्कि प्रकृति के प्रति हमारे कर्तव्यों को याद दिलाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव पूजन के साथ-साथ पौधे लगाना भी इस महीने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पौधे लगाने का महत्व

  • पर्यावरण संरक्षण: पौधे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं और ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।
  • धार्मिक महत्व: कई धर्मों में पौधे लगाने को पुण्य का काम माना जाता है।
  • शिव से जुड़ाव: बिल्व पत्र का पेड़ भगवान शिव से विशेष रूप से जुड़ा हुआ है। इस पेड़ को लगाना शिव भक्ति का एक रूप माना जाता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

श्रावण में कौन से पौधे लगाएं?

  • बिल्व पत्र: यह पौधा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है।
  • तुलसी: तुलसी का पौधा घर में शुभ माना जाता है।
  • पीपल: पीपल का पेड़ भी पूजनीय होता है।
  • आमला: आमला का पेड़ स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
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पौधे लगाने की विधि

  • मिट्टी तैयार करें: पौधे लगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करें।
  • गड्ढा खोदें: पौधे के आकार के अनुसार गड्ढा खोदें।
  • पौधा लगाएं: पौधे को गड्ढे में सावधानी से रखें और मिट्टी से ढक दें।
  • पानी दें: पौधे को नियमित रूप से पानी दें।

पौधे की देखभाल

  • धूप: पौधे को धूप की पर्याप्त मात्रा मिलनी चाहिए।
  • पानी: पौधे को नियमित रूप से पानी दें।
  • खाद: समय-समय पर पौधे को खाद दें।
  • कीड़े: कीड़ों से पौधे की रक्षा करें।

निष्कर्ष

श्रावण मास में शिव पूजन के साथ-साथ पौधे लगाना भी एक पुण्य का काम है। यह पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास में भी मदद करता है। आइए, इस श्रावण मास में हम सभी मिलकर अधिक से अधिक पौधे लगाएं और प्रकृति का संरक्षण करें।